ऑनलाइन एग्रीगेटर्स और रेस्टोरेंट के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा। पांच सौ से अधिक रेस्टोरेंट और होटल्स ने खराब बिजनेस व्यवस्था के चलते राज्य की वित्तीय राजधानी अहमदाबाद से स्विगी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। वहीं स्विगी के बिजनेस हेड रुतविज ओज़ा ने इस्तीफा दे दिया है।
ओज़ा ने शनिवार को ईटी साइट से कहा, 'स्विगी में आज मेरा आखिरी दिन है।' उन्होंने दावा किया कि उनके इस्तीफे का इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। ओज़ा ने कहा, 'पिछले दो महीने से मैं ट्रांसिट पीरियड पर था। खैर, सोमवार से मैं नई कंपनी में जा रहा हूं।' डेढ़ साल पहले जब अहमदाबाद में स्विगी लॉन्च हुआ है तभी से वो स्विगी में बिजनेस हेड पद पर कार्यरत थे।
इंडस्ट्री रिकॉर्ड के अनुसार, अहमदाबाद में 270 रुपए प्रतिदिन के औसत आकार के साथ स्विगी और जोमैटो एक साथ 70 से 80 हजार टेकअवे ऑर्डर्स संभालते थे।
हालांकि, रेस्टोरेंट और होटल्स उनकी व्यवसाय प्रैक्टिस के खिलाफ हैं क्योंकि वे भारी मात्रा में कमीशन ले रहे हैं।
एचआरए कमेटी के मेंबर रोहित खन्ना ने बताया कि द होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (गुजरात) ने जोमैटो, स्विगी और ऊबर ईट जैसे एग्रीगेटर्स को धमकी दी है कि अगर वे नए प्रपोजल के साथ नहीं आते हैं तो वे उनका बहिष्कार कर देंगे।
इंडस्ट्री द्वारा रखी गई मांगों की सूची में शामिल हैं- कमीशन कम करना, अगर ऑर्डर कैंसिल हो जाता है तो रेस्टोरेंट को पूरी राशि का भुगतान, हर 48 घंटे में प्रोसेसिंग पेमेंट देना और ग्राहकों का डाटा शेयर करना।
एचआरए के अध्यक्ष नरेंद्र सोमानी ने कहा, 'हम इन ऑनलाइन फूड डिलीवरी साइटों द्वारा ली जाने वाली 18 से 24 प्रतिशत कमीशन का कड़ा विरोध कर रहे हैं। वे सिर्फ हमसे ही नहीं बल्कि ग्राहकों से भी कमीशन वसूल रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक साल में जहां टेकअवे का बिजनेस बढ़ा है वहीं डाइन-इन 12 प्रतिशत तक गिर गया है। चुंकि स्विगी अपनी बात पर अड़ा रहा इसलिए हमने बायकॉट कर दिया।
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